04 मई 1913 को बैंक की संचालक मंडल की प्रथम बैठक हुयी। प्रथम वर्ष में 72 सहकारी समिति गठित हुयी ,जिसमे 1019 किसानो को राशि रुपये ऋण दिया गया, उस समय इस बैंक की कार्य पूंजी राशि रुपये 43735.00 रुपये थी।
वर्ष 1930 में बैंक का स्वयं का आलिशान एवं ऐतिहासिक भवन जी ई रोड पर निर्मित किया गया।
पूर्व में इस बैंक का नाम दि “रायपुर को-आपरेटिव सेंट्रल बैंक लिमिटेड” था, जिसे अब “जिला सहकारी केंद्रीय बैक मर्यादित, रायपुर छत्तीसगढ़” के नाम से जाना जाता है।
बैंक की कार्यक्षेत्र मे 67 शाखाये और 550 सहकारी समितिया है , जो राजस्व जिलो- रायपुर, महासमुंद , धमतरी , गरियाबंद, एवं बलौदाबाजार तक फैला हुआ है।
उत्कृष्ट कार्यो के लिए छ. ग. सरकार द्वारा ठाकुर प्यारे लाल सिंह स्मृति अलंकरण से वर्ष 2009 में इस बैंक को अलंकृत किया गया है।
"एक सबके लिए और सब एक के लिए" के मूल सिद्धांत पर बैंक द्वारा अपने कृषक सदस्यों एवं ग्राहकों की सेवा में निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है
बिन संस्कार - नहीं सहकार ।
बिन सहकार - नहीं उद्धार ।।
किसानो का नारा है - सहकारी बैंक हमारा है